
बरेली की नबाबगंज विधानसभा में बड़ी पार्टियां भाजपा ,सपा ,कांग्रेस ,बसपा पूरा जोर लगा रही है लेकिन आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार सुनीता गंगवार को मिल रहा जन समर्थन किसी भी जाति मजहब के आगे है जिस तरह से आम आदमी पार्टी दिल्ली ,गोवा ,पंजाब ,उत्तराखंड में बढ़त बनाती जा रही है उसकी धमक उत्तर प्रदेश में भी जारी है लोगो को वो समय याद है जब दिल्ली में अन्ना आंदोलन से सत्ता में परिवर्तन की आंधी चली थी उसी तरह कलापुर पुलिया के संघर्ष से उपजी क्रांति की परिणाम सुनीता गंगवार के रूप में नबाबगंज की जनता के सामने है , आवारा पशु ,बिजली की पुरानी लाइन , शिक्षा की कमी खासकर बंद पड़े स्कूल कॉलेज ,रोजगार की कमी ,गुंडागर्दी ,पिछड़ापन ये वो मुद्दे है जो सुनीता गंगवार को नबाबगंज में बड़ा उलटफेर करने की दावत दे रहे है जनता से वोट लेकर जिस तरह से नेता गायब होते रहे है और ज़रूरत के समय नेताओ का मोबाइल तक बंद मिलता है इन सभी बातो से जनता अब ऊब चुकी है ,सबसे प्रमुख बात ये देखने की है चुनाव आयोग की सख्ती और कोरोना के कारण सभी का प्रचार एक सा हो गया है यही चीज आम आदमी पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो रही है डोर टू डोर कैम्पेन करने की सुनीता गंगवार की पुरानी आदत रही है जिसका फ़ायदा उन्हें मिल रहा है दूसरा बहुत से ग्राम प्रधान जोकि पुराने नेताओ से परेशान है वो भी उन्हें खुलकर या चोरी छिपे समर्थन कर रहे है
किसी भी सर्वे में अभी तक एक बात पर ध्यान नहीं दिया वह है साइलेंट वोटर समझने की बात यही है यही साइलेंट वोटर आम आदमी पार्टी की नीतियों को मानने वाला है जिसकी संख्या नबाबगंज विधानसभा में कम से कम 1 लाख से ऊपर होगी जैसे जैसे 14 फरवरी मतदान की तारीख नजदीक आ रही है वैसे वैसे सुनीता गंगवार की चुनावी रफ़्तार बढ़ती जा रही है जनता सुनीता गंगवार की कार्य करने के तरीके को जानती है पढ़ा लिखा बर्ग इस बात पर भी ध्यान दे रहा है पुलिस प्रशासन से हजारो बार सामना होने के बाबजूद उन पर एक भी मुकदमा नहीं है अब यही युवा और साइलेंट वोटर नवाबगंज के चुनावी मैदान में झाड़ू लगाकर बड़ा उलटफेर करने की तैयारी कर रहा है /