
तन-मन का विज्ञान योग है ।
भारत की पहचान योग है ।।
जीवन की हर कठिनाई में ,
बहुत सरल आसान योग है ।।
दुनिया वाले भी ये कहते ,
धरती पर वरदान योग हैं ।।
बात पते की निश्चित मानों,
सांसों का अनुदान योग है ।।
योग बढ़ाता उम्र मनुज की,
शास्त्र विहित सम्मान योग है ।।
बढ़े ऊर्जा, बढ़ती ताकत,
विज्ञ – कथन दिनमान योग है ।।
बिन पैसों का, बिन रुपयों का,
सीधा सच्चा ज्ञान योग है ।।
भद्रजनों की हर खुशियों का,
संगीतमयी दीवान योग है ।।
तेजोमय हर ऊष्म किरण का,
रोगरहित अनुपान योग है ।।
रोज योग अभ्यास बताता,
मधुरिम सा मधुगान योग है ।।