
जन सेवा सहायक पार्टी के बरेली कैंट से उम्मीदवार विष्णु मौर्या लगातार जनसम्पर्क बनाये हुए है पूरे काली बाड़ी नवादा शेखान ,
पुराने शहर की गलियों को उन्होंने मथ डाला है इस विधानसभा चुनाव में छोटे दलों की कितनी अहमियत है इसका सभी को अंदाजा है
अखिलेश यादव अपनी पार्टी में छोटे दलों को कितनी अहमियत दे रहे है सभी को पता है और भाजपा में पिछले दिनों जो भगदड़ मची थी।
खासकर बीजेपी पे जो दलित और पिछड़ा विरोधी होने के आरोप लगे उससे बीजेपी भी छोटे दलों को भरपूर अहमियत दे रही है
बरेली कैंट में जन सेवा सहायक पार्टी से उम्मीदवार विष्णु मौर्या पूरे कैंट में पिछडो की आवाज बनकर उभर रहे है सभी प्रमुख पार्टियों से
बरेली कैंट में कोई भी ओबीसी चेहरा नजर नहीं आता है विष्णु मौर्या इसी ओबीसी समाज से आते है पिछले काफी चुनावो में ओबीसी
समाज किसी एक पार्टी को वोट देता आ रहा है जिससे पार्टी को जीत भी मिली है ,विष्णु मौर्या इसी बात को उठा रहे है की वोट लेने के बाद
बड़े नेताओ ने ओबीसी समाज को केवल वोट बैंक समझा है उनकी भी समस्या शिक्षा ,रोजगार ,बिजली ,सड़क ,पानी तक भी ध्यान नहीं
दिया है अब यही समाज इन नेताओ का बोरिया विस्तर लपेट देगा बात अगर कैंट विधानसभा की करे तो यहाँ काफी संख्या में ओबीसी समाज है लगभग 30 -35 हजार वोट विष्णु मौर्या अपने ही समाज का बता रहे है बाकी भी उन्हें दलितों और मुस्लिम समाज से काफी
उम्मीद है अगर उनके हिसाब से उन्हें समर्थन और वोट मिल गया तो किसी भी बड़ी पार्टी को हारने के लिए काफी होगा