
2022 का UP विधानसभा चुनाव अलग रूप लेता नज़र आ रहा है कौन कब कैसा दांव खेल जाए किसी को कुछ नहीं मालूम ऐसे में डॉक्टर अनीस बेग ने अपने अनोखे अंदाज़ से सभी को आश्चर्यचकित कर रखा है सही में कहा जाए तो अनीस बेग ने जो बरेली शहर सीट जीतने का जो चक्रव्यूह रचा है उसे तोड़ पाना आसान नहीं है सपा हर बार प्रयास के बाद ये सीट नहीं जीत सकी है मगर इस बार अनीस बेग अलग ही तैयारी के साथ मैदान में है सबसे प्रमुख बात ये है की मात्र कुछ ही समय में उनके नाम की चर्चा आम हो चुकी है

उनका प्रचार तंत्र बहुत मजबूत है आज शहर और कैंट दोनों ही जगह उनके नाम के कटआउट ,होडिंग्स लगे नज़र आते है हालॉकि डॉक्टर पेशे से होने के कारण डॉक्टर अनीस बेग किसी परिचय के मौताज नहीं है और उनका पेशा भी ऐसा है जो लोगो को उनके करीब खींचता है उनके बरेली शहर सीट जीतने के चक्रव्यूह को समझने के लिए थोड़ा पुराने चुनावो पे गौर करना होगा

2007 के UP विधानसभा चुनाव चुनाव में कांग्रेस से लड़े डॉक्टर अनिल शर्मा को 16464 वोट मिले थे और निर्दलीय लड़े डॉक्टर आई एस तोमर को 15895 तथा सपा से लड़े डॉक्टर अरुण कुमार को 16222 वोट और बसपा से लड़े सुनील मेहता को 4326 वोट मिले सभी बड़ी विपछी पार्टी को कुल 52907 वोट मिले और भाजपा से राजेश अग्रवाल मात्र 26893 वोट पाकर जीत गए
फिर 2012 के चुनाव में सपा से लड़े डॉक्टर अनिल शर्मा को 41921 ,इत्तेहाद-ए-मिल्लत के शेर अली जाफरी को 31113 और खुद बसपा से लड़े डॉक्टर अनीस बेग को 21753 और कांग्रेस से नबाब मुजाहिद हसन को 8016 वोट मिले सभी बड़ी विपछी पार्टी को कुल 102803 वोट मिले जबकि भाजपा के डॉक्टर अरुण कुमार 68983 वोट पाकर जीत गए
2017 में ज़रूर मोदी लहर के बीच सपा -कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार प्रेम प्रकाश अग्रवाल को 86559 और बसपा के अनीस अहमद को 14596 वोट मिले जबकि भाजपा के डॉक्टर अरुण कुमार 115270 वोट पाकर जीत गए

डॉक्टर अनीस बेग का कहना है ये चुनाव सबसे अलग है सपा को छोड़कर कोई भी विपछी पार्टी मैदान में नहीं बची है साथ ही सांप्रादियक पार्टिया भी समाप्त हो चुकी है ऐसे में जनता के सामने केवल दो ही विकल्प है अब फैसला जनता को करना है , इसी कड़ी में जनता को अपने पाले में लाने लिए डॉक्टर अनीस बेग दिन रात एक किये हुए है जिसमे छोटी छोटी सभाये करना ,छोटे छोटे सम्मेलन करना शामिल है

पिछले दिनों चले सपा के झंडा लगाओ अभियान की कमान उन्होंने खुद सम्हाली थी और वोट बनवाने पे भी उन्होंने बहुत जोर दिया ,दलित ,पंजाबी -सिक्ख ,ईसाई सहित बहुत से हिन्दू बाहुल समाज से उन्हें भरपूर समर्थन और प्यार मिल रहा है

डा. अनीस बेग ने जिस तरह से विभिन्न समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम किया है उसने भी विरोधी दावेदारों को परेशान करके रख दिया है। पार्टी के हित में संगठन के लिए कार्यकर्ता सम्मेलन से लेकर वोट बनवाने तक में जिस तत्परता से डा. अनीस बेग ने काम किया है उससे भी विरोधी दंग रह गए हैं।

अब समाजवादी पार्टी ने छोटे दलों जैसे राष्ट्रीय लोक दल ,सर्व समाज एकता दल ,प्रसपा ,सुभासपा, जनवादी सोशलिस्ट पार्टी, महान दल, कांशीराम बहुजन मूल समाज पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, पॉलिटिकल जस्टिस पार्टी और अपना दल (कमेरावादी) से सपा की साझेदारी हो चुकी है , वहीं, दो छोटी पार्टियों- लेबर एस पार्टी और भारतीय किसान सेना ने तो खुद का सपा में विलय ही कर लिया है। इनके अलावा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा या बीएसपी) से बगावत करने वाले नेता भी सपा का रुख कर रहे हैं। इन नेताओं की अपनी-अपनी इलाकाई ताकत है।

बरेली शहर सीट पर डॉक्टर अनीस बेग के लिए ये सभी पार्टियों से बड़ी मदद मिल रही है दूसरा उनका और उनके बड़े भाई सुल्तान बेग चुनाव लड़ने का अनुभव भी उन्हें फ़ायदा पंहुचा रहा है

इन सभी चीजों के बीच अब उनकी नज़र कायस्थ वोट पे भी है जोकि बीजेपी को शहर सीट जिताने का काम करता रहा है इस पर भी उन्होंने काम शुरू कर दिया है और जल्द ही इसके परिणाम नज़र आएंगे आईएमए हॉल में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन के बहाने डा. अनीस बेग ने शक्ति प्रदर्शन किया। सम्मेलन में उमड़ा हजारों का हुजूम यह साबित करने को काफी था कि डा. अनीस बेग शहर विधानसभा सीट से टिकट के अन्य दावेदारों से बेहतर क्यों हो सकते हैं

पिछले दिनों चिकित्सा प्रकोष्ठ की तरफ से भी उन्हें भरपूर समर्थन मिला चिकित्सा प्रकोष्ठ से डॉक्टर अनीस बेग ने अपील की हर डॉक्टर अपने यहाँ मेरे नाम का समर्थन का बोर्ड लगाए अब लगता है डॉक्टर अनीस बेग ने बरेली शहर सीट जीतने का जो चक्रव्यूह रचा है उसे तोड़ पाना भाजपा सहित किसी भी दल के लिए आसान नहीं होगा