
हिन्दी दैनिक दिव्य प्रकाश की सम्पादक श्रीमती सारिका सुमन की शुरू से ही पशु पक्षी, पर्यावरण और कलात्मक कार्यों में गहरी रुचि थी। उनका पठन- पाठन में भी मन रमता था। बीते वर्ष पति के स्वर्गवास होने के बाद दैनिक दिव्य प्रकाश के निरंतर प्रकाशन की सारी जिम्मेदारी श्रीमती सारिका सुमन के कंधों पर आ पड़ी थी। और उन्होंने समाचार पत्र का कुशल संपादन भी किया। स्मरण रहे श्रीमती सारिका सुमन का जन्म 13 जून 1978 को लखनऊ के नगर निगम के जोनल अधिकारी कृष्ण कुमार सक्सेना = श्रीमती लीला सक्सेना के परिवार में हुआ था। सारिका सुमन की शिक्षा दीक्षा लखनऊ से ही पूर्ण हुई। उसके बाद उनका विवाह 13 दिसंबर 1998 में हिन्दी दैनिक दिव्य प्रकाश के स्वामी एवं सम्पादक जे. बी. सुमन के पुत्र प्रशान्त सुमन के साथ हुआ था। श्रीमती सारिका सुमन शुरू से ही सरल स्वभाव एवं शांत स्वभाव की ग्रहणी रही। एक शिक्षिका होने के साथ- साथ श्रीमती सारिका सुमन ने नर्सरी टीचर ट्रेनिग सेन्टर संचालन किया। श्रीमती सारिका सुमन ने दो पुत्रों को जन्म दिया। बड़े पुत्र का नाम मिहिर सुमन, छोटे पुत्र का नाम कुबेर सुमन है। अपने परिवार और बच्चों देखभाल के साथ-साथ वह पेड़ पौधों और पशु पक्षियों से भी प्रेम करती थी। पिछले साल 5 मई 2021 में कोविड-19 से पीडि़त उनके पति प्रशान्त सुमन का निधन हो गया था। इस हादसे से उनका परिवार सदमे में आ गया था। यहां बताते चले कि हिन्दी दैनिक दिव्य प्रकाश के स्वामी एवं सम्पादक जे. बी. सुमन के निधन होने के बाद से उनके पति प्रशान्त सुमन ने ही प्रेस और परिवार की जिम्मेदारियां अपने कंधे पर उठा रखी थी। कुशल लेखन एवं एकाग्र बुद्धि के धनी प्रशान्त सुमन ने हिन्दी दैनिक दिव्य प्रकाश को पत्रकारिता जगत में अपनी अलग पहचान बनाई थी। प्रशान्त सुमन के 5 मई 2021 को स्वर्गवास होने के बाद सारी जिम्मेदारी उनकी पत्नी श्रीमती सारिका सुमन के कंधों पर आ पड़ी। उन्होंने बड़े ही साहस और निडरता के साथ अपने बच्चों मिहिर एवम कुबेर का पालन पोषण किया और अच्छी दीक्षा भी दी। इसी के साथ-साथ उन्होंने हिन्दी दैनिक दिव्य प्रकाश समाचार पत्र की जिम्मेदारी भी उठाई। एक सम्पादक के रूप में साहस के साथ सत्य के पथ पर चलकर अपने दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से जन-जन की आवाज शासन-प्रशासन तक पहुँचाई। श्रीमती सारिका सुमन को उनके पत्रकारिता कार्यकाल में बरेली में दैनिक पत्र की प्रथम महिला सम्पादक के रूप में कायस्थ चेतना मंच एवम मानव सेवा क्लब ने भी उन्हें प्रशास्ति पत्र देकर सम्मानित किया था। सरल स्वभाव और पर्यावरण के साथ-साथ पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों से अत्यंत रुचि रखने के साथ-साथ समाज को पर्यावरण को स्वच्छ रखने के कार्य में उन्होंने अपनी सहभागिता की। कोवीड के बाद अब जब सब कुछ ठीक-ठाक चल ही रहा था कि काल की गति ने फिर रुख पलटा। 22 सितम्बर 2022 को श्रीमती सारिका सुमन को तेज बुखार के चलते निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें डेंगू रोग से पीड़ित बताया। उन्हें तत्काल शहर के डी डी पुरम स्थित एक नामचीन चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। किन्तु समय को कुछ और ही मंजूर था। 24 सितम्बर 2022 की सुबह लगभग 3:30 बजे श्रीमती सारिका सुमन ने चिकित्सालय में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। इस हादसे की सूचना जब परिजनों को लगी तो पूरा परिवार सदमे में आ गया। श्रीमती सारिका सुमन की मृत्यु की सूचना से पत्रकारिता जगत से जुड़े सभी लोगों को दु:ख पहुंचा। उनके घर एवम माडल टाउन शमशान गृह पर उनके शुभचिंतकों ने पहुंच कर श्रद्धांजलि दी। श्रीमती सारिका सुमन के शव को मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र मिहिर सुमन ने दी।
इस मौके पर यू. पी. जर्नलिस्ट एसोसिशन उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष निर्भय सक्सेना, मोहम्मद इरफान, उपजा प्रेस क्लब के अध्यक्ष एवम उद्यमी पवन सक्सेना, वीरेंद्र अटल एवम बीजेपी नेता अनिल कुमार एडवोकेट, पार्षद कपिल कांत, मानव सेवा क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र बीनू सिन्हा, मुकेश छाबरिया ने उनके घर एवम शमशान घाट पर श्रद्धा सुमन एवम पुष्प अर्पित किए।
